✍️ तो चलिए इसका राज खोल देते हैं। जिसको बीजेपी अंदरखाते रख रही है।
यह आज जो कुछ भी यूपी में नजर आ रहा है, जो माहौल दिखाई दे रहा है, अचानक आदित्य नाथ योगी पर संकट दिखाई देने लगा है। यह मात्र इत्तफाक नहीं है।
यह सब हाई कमान के प्लान का हिस्सा है। यानी कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के यूपी के प्लान के हिसाब से ही सब हो रहा है।
पर क्यों? इसका कारण क्या है, आइए इस पर चर्चा करते हैं :–
आज भी यूपी बीजेपी तीन धड़ों में बंटी हुई है।
- एक धड़ा है योगी जी का।
- दूसरा धड़ा है केशव प्रसाद मौर्या जी का।
- तीसरा धड़ा है दिनेश शर्मा जी का।
पिछले विधान सभा चुनाव में मुख्य तौर पर दो चेहरे मुख्य मंत्री के रूप में उभरे थे, एक केशव प्रसाद मौर्या और दूसरे दिनेश शर्मा का। यह प्लान ‘A’ था।
पर जब बीजेपी को भारी बहुमत मिल गया तो पार्टी प्लान ‘B’ के तहत पिछले दरवाजे से योगी आदित्य नाथ को लाई और मुख्य मंत्री बना दिया गया।
उसके बाद, केशव परसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को उप मुख्य मंत्री बनके पर संतोष करना पड़ा। फिर समय निकलता गया।
पर यह तीनों धड़े आज भी यूपी में अभी भी जियो के तियों हैं और आज भी तीनों में असंतोष चल रहा है। जिसको हाई कमान बहुत ध्यान से देखती रही है। जिस का खामियाजा पार्टी ने पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन से भुगता है।
अब हाई कमान यह नहीं चाहती कि यह असंतोष अगले विधान सभा चुनाव में भी नजर आए, इस लिए हाई कमान यह दिखाना चाहती है कि उस केलिए यूपी के अगले मुख्य मंत्री को लेकर पत्ते खुले हुए हैं, अगला मुख्य मंत्री कौन होगा, को लेकर फैसला चुनाव के बाद ही होगा।
यह पार्टी को एक रखने की एक कवायद है
इस से यह होगा कि कि तीनों धड़े जोर शोर से चुनाव लडेंगे कि उनका चांस भी मुख्य मंत्री बनने पे लग सकता है। जिस कारण पार्टी को फायदा होगा और वो भारी जीत दर्ज कर सकती है।
अब अगर वो योगी आदित्य नाथ को अभी अगले चुनाव केलिए मुख्य मंत्री घोषित कर देती तो बाकी दो धड़े, चुनाव में फुल भागेदारी नहीं दिखाते, आधे अधूरे मन से चुनाव में उतरते, जिस कारण पार्टी को चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था।
इस लिए आप को जो साजिश नजर आ रही है, वो कुछ नहीं है। वो एक हाई कमान का फॉर्मूला है, जिस के हिसाब से काम हो रहा है। इस लिए निश्चिंत रहें।
अगर योगी आदित्य नाथ के साथ पार्टी ने कोई साजिश करनी होती तो इस को 4.5 साल का इंतजार ना करती।
क्या अब भी आपको आदित्य नाथ योगी का दिल्ली में अचानक अमित शाह और नरेंद्र मोदी से मिलना एक इत्तफाक यां औपचारिकता लगता है ?
बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🙏🙏
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